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मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बेरोजगारी

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देश में बेरोजगारी की दर में करीब 200 फीसदी का इजाफा, हर चौथे भारतीय पर काम नहीं, कई राज्यों में 50 फीसदी के करीब लोग बेरोजगार देश में बेरोजगारी की दर 23.5 फीसदी हुई, कई राज्यों में 50 पर्सेंट बेरोजगार है। देश में लॉकडाउन कोरोना के संकट से निपटने के लिए लागू किया गया है, लेकिन अब इसके चलते रोजगार पर भी मार पड़ने लगी है। अप्रैल महीने में देश में बेरोजगारी की दर में 14.8 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में बेरोजगारी की दर अब 23.5 फीसदी पहुंच गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के एक सर्वे में यह बात सामने आई है। मार्च के मुकाबले बेरोजगारी की दर में 200 फीसदी का इजाफा है। यही नहीं कुछ राज्यों का हाल यह है कि लगभग हर दूसरा आदमी बेरोजगारी की स्थिति में है। तमिलनाडु में बेरोजगारी की दर 49.8 फीसदी है, जबकि झारखंड में यह दर तेजी से बढ़ते हुए 49.8 पर्सेंट हुआ है। बिहार में यह आंकड़ा 46.6 फीसदी है। हालांकि पंजाब में बेरोजगारी की दर महज 2.9 फीसदी ही है, जबकि छत्तीसगढ़ में 3.4 पर्सेंट है। तेलंगाना में 6.2 फीसदी है। दक्षिण भारतीय राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु में हालात बेहद विपरीत देखने को मिले है...

बेरोजगारी

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रोजगारी की समस्या विकसित और विकासशील दोनों देशों में पाई जाती है. प्रसिद्द अर्थशास्त्री कीन्स बेरोजगारी को किसी भी समस्या से बड़ी समस्या मानता था. इसी कारण वह कहता था कि यदि किसी देश के पास बेरोजगारों से करवाने के लिए कोई भी काम ना हो तो उनसे सिर्फ गड्डे खुदवाकर उन्हें भरवाना चाहिए ऐसा करवाने से बेरोजगार लोग भले ही कोई उत्पादक कार्य न करें लेकिन वे अनुत्पादक कार्यों में संलिप्त नही होंगे और देश में वस्तुओं और सेवाओं की मांग बनी रहेगी जिससे देश में औद्योगिक विकास होता रहेगा. बेरोजगार किसे कहते हैं ‘बेरोजगार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो कि बाजार में प्रचलित मजदूरी दर पर काम तो करना चाहता है लेकिन उसे काम नही मिल पा रहा है.’ बेरोजगारी की परिभाषा हर देश में अलग अलग होती है. जैसे अमेरिका में यदि किसी व्यक्ति को उसकी क्वालिफिकेशन के हिसाब से नौकरी नही मिलती है तो उसे बेरोजगार माना जाता हैविकासशील देशों में निम्न प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है 1. मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment): इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि क्षेत्र में पाई जाती है. कृषि में लगे लोगों को कृषि की जुताई, बोवाई, कटाई आदि क...

कन्या भ्रूण हत्या

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सबसे पहले तो हमारे समाज की सोच को बदलना होगा क्योकि आप खुद ही सोचिये की अगर एक लड़की नही होगी तो एक बहन, एक पत्नी, एक मा ओर भी कई तरह के रिश्ते किस प्रकार से निभेगे,  जब की आज कल के समाज मे एक ओरत को ही कन्या को माना करती है,  मगर हमारे समाज की यह मान्यता है की वंश चलने के लिये लड़का जरूरी है,  मगर घर परिवार मे एक लड़की की भी उतनी ही महत्वता होती है जितनी की एक लड़के की , लेकिन यह कोई सोचता नही है , एक लड़की भी अपने परिवार का भरण पोषन कर सकती है ओर आज कल के समाज मे जितना लड़की निभाकर कर चलती है उतने लड़के नही चल पाते है.     आप खुद विचार करे की अगर आप का लड़का होगा तो उसकी शादी के लिये भी तो लड़की की जरूरत होती है तो वो कहा से आयेगी,  कोई अचानक लड़का से लड़की तो बन नही जायेगी जब तक लड़की का जनम नही होगा तब तक उस लड़के की शादी नही होगी ओर उसका वंश तो वही पर रुक जायेगा तब क्या होगा यह कोई आगे की सोचता नही है सिर्फ सास को अपने समय सिर्फ लड़का की चाह होती है मगर वो भूल जाती है की वो भी तो एक ओरत होती ही. ईन सबके साथ हमारे रुडीवादी ओर पिछडे समाज को भ...

बेरोजगारी

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कोरोना वायरस दुनियाभर में बन रहा बेरोजगारी की बड़ी वजह, करीब 2.5 करोड़ नौकरियां हो सकती है खत्म, ILO ने समस्या से निपटने के लिए बुलाई गई आपात बैठक कोरोना वायरस की वजह से ग्लोबल कामगारों को साल 2020 तक 860 बिलियन डॉलर और 3.4 बिलियन ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।  संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की "कोविद-19 एंड वर्ल्ड ऑफ वर्क" रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस चीन के बाद बाकी दुनिया में तेजी से फैल रहा है, उसके चलते दुनियाभर में करीब 2.5 करोड़ नौकरियां खत्म हो सकती हैं। अगर ऐसा होता है, तो दुनियाभर में बेतहाशा ढंग से बेरोजगारी बढ़ जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से ग्लोबल कामगारों को साल 2020 तक 860 बिलियन डॉलर और 3.4 बिलियन ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।लेकिन संयुक्त राष्ट्र का मनना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देश एक साझा पॉलिसी लेकर आएंगे, तो कुछ हद तक इस समस्या से बचा जा सकता है। यह संयुक्त राष्ट्र की कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर पारंभिक अनुमानित रिपोर्ट है, जिसमें फिलहाल कोरोनावायरस को साल 2008 के वित्तीय संकट से ज्यादा खतरनाक...

मांस खाना महापाप है

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जो व्यक्ति मांस खाते हैं, महापाप के भागी हैं, वे घोर  नरक में गिरेंगे। जो व्यक्ति जीव हत्या करते हैं जैसे गाय, बकरी, मुर्गी, सुअर आदि की वह महापापी हैं। मांस खा कर यदि आप बलिदान भी देते हो तो सब व्यर्थ है, उसका कोई लाभ नहीं। मांस को बैन कर देना चाहिए।मांस खाना महापाप है-जानिए मांस खाने के क्या हैं नुकसान? आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से आप को मांस खाने के नुकसान के बारे में तथा मांस खाना परमात्मा के विधान के अनुसार महापाप है, के बारे में विस्तार से बताएंगे। तो आइये शुरू करते है। क्या आप जानते हैं-मांस खाना अपराध है आप नोनवेज (मांसाहारी) भोजन क्यों खाते हैं। जवाब: ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे। यह बहुत ज़रूरी है। मांस और अंडा खाने से शरीर को ज़रूरी आहार मिलता है और वातावरण के लिए भी यह आवश्यक है । लेकिन आप चाहे मांस खाने और जीव हत्या करने का कोई भी मनघड़ंत उत्तर दें इसका सेवन करने का प्रतिफल बहुत भयानक है। मानव जीवन प्राप्त प्राणी को अन्य जीवों पर दया दृष्टि रखनी चाहिए। मानव आहार जानवर की चीखों, रूदन और बीमारियों से रहित होना चाहिए। मांस खाने वाले पापियों से परमात्मा कोसों दूर है ■ विश्...

नशा करता है शरीर का नाश

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यदि आप शराब की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं और नशा मुक्ति केंद्र से भी आपको इस बारे में सफलता नहीं मिली है। तो निराश न हों संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लेकर आप इसे बड़ी आसानी से छोड़ सकते हैं।

कोरोना का इलाज

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क्या कोरोनावायरस का इलाज संभव है?         जानिए कैसे खत्म होगा यह वायरस- सैकड़ों वर्ष पहले भी इस तरह की बीमारियां प्रकृति के द्वारा उत्पन्न हुई थी, साथ ही उन्हें खत्म करने वाली दवा भी बनाई जा चुकी थी, परंतु कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी की अभी तक कोई भी दवा नहीं बनी, ना ही इसका कोई इलाज संभव है। जब मनुष्य अपने आपको ईश्वर के बराबर समझने लग जाता है और पशु-पक्षियों पर अत्याचार करता है, अपने कर्तव्यों को भूल कर दूसरों पर अत्याचार करता है, तो इस प्रकार की समस्याएं प्रकृति द्वारा पैदा होती है। आखिर इसका इलाज क्या है? हमारे चारों धर्मों के शास्त्रों में यही बताया गया की सच्ची भक्ति/इबादत करने से हर प्रकार की समस्या(रोग) का समाधान हो सकता है। पवित्र वेदों में बताया गया है कि वह कविर्देव( कबीर परमात्मा)" बंधनों का शत्रु है, पापों का शत्रु है" अर्थात पाप नाश करने वाला है। उसी प्रकार पवित्र कुरान शरीफ में लिखा है कबीर अल्लाह की सच्ची इबादत करने वाले की अल्लाह हर प्रकार सेेेेे मदद करता है, साथ ही गीता व पवित्र कुरान शरीफ में तत्वदर्शी संत/बाखबर की खोज करने के लिए कहा गया है, और...